सवाल

जवाब की तलाश में चला
खुद एक सवाल बन वापस आया है
खोया पाया की बातों से ऊपर उठ
नफा नुक्सान से दूर निकल आया है
उठा जब भी एक के जवाब के साथ
तो जवाब ख़ुद ही कर बैठा एक सवाल
और फ़िर खोज शुरू कर दी उसने जवाब की


देख भीड़ में अगोचर से चेहरे
या कुछ जाने से लोग
और जब कोई खिलखिला कर हँस देता
और देख उन्हें दौड़ते हुए अपने सपनों के पीछे
खड़े होते तरह तरह के सवाल
वह हो गया निराश
लगा जैसे कोई बड़ी सफाई से
जवाब मिटा के गायब हो गया
कोई और भी न ढूंढ पाया होगा
यही सोच उसने मायनो की किताब को आग लगा दी

पर सवाल नही जलते
और जवाब , जवाब नही मिलते

Comments

Anonymous said…
gr8 work dude...
Anonymous said…
very much like you

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