यादों की पोटली
यादों की पोटली
कल अपने गाव से एक दोस्त आया था
अपने साथ में खाने की पोटली लाया था
मेरी मानो तो जैसे पोटली में पकवान नहीं
यादें थी ,
कुछ यादें करारी (आज भी)
कुछ यादें खस्ता और उतनी ही लज़ीज़
और कुछ यादें पार्ले जी के बिस्किट सी
जो पैकेट में पड़े पड़े महरा गई हैं |
फिर चाय मंगा ली
और एक एक कर सभी यादों का मज़ा लेने लगे
हाय , यादों से न पेट भरता है
न दिल
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