एक नंबर की झूठी

वो बड़ी जूमलेबाज थी,
एक नंबर की झूठी ।
पर फिर भी,
उसके आने से ,
आंखो में एक चमक सी आ जाती
गाने गुनगुना ते थे
कुछ खाने का मन करता
कहीं घूमने जाने का मन करता

यूं कहें कि भाई
जीने का में करता

मुझे ही नहीं
सभी को वह बहुत पसंद थी

उसने अपना नाम शायद
उम्मीद बताया था

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